झाबुआ कद्दावर आदिवासी नेता स्वर्गीय दिलीपसिंह भूरिया की दसवीं पुण्यतिथि पर मंगलवार को झाबुआ में उनके प्रतिमा स्थल पर। अनुयायियों का मेला लगा। इस दौरान सभी ने उनके द्वारा आदिवासी समाज के उत्थान के लिए दिए योगदान को शिद्दत से याद करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की। परिवार के सदस्यों ने आदिवासी संस्कृति के अनुरूप पूजन कर प्रतिमा पर 30 मीटर का साफा बांधा। इस दौरान जब तक सूरज चांद रहेगा, भूरिया जी का नाम रहेगा, जैसे नारे भी लगाए गए। भारी बारिश के बावजूद मेघनगर नाके पर स्थित स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया के प्रतिमा स्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए जिलेभर से लोगों के आने का सिलसिला सुबह 10 बजे से प्रारंभ हो गया था। साढ़े 10 बजे श्रद्धांजलि कार्यक्रम की शुरुआत हुई। सर्वप्रथम उनके भतीजे बालू भूरिया, बेटी निर्मला भूरिया और भाजपा जिलाध्यक्ष भानू भूरिया ने पूजन कर प्रतिमा पर साफा बांधा। इस मौके पर मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा -मेरे पिता एक सच्चे आदिवासी जननेता थे। उन्होंने हर वर्ग और तबके के उद्धार के लिए काम किया। वे आखिरी सांस तक देशभर के आदिवासियों के अधिकार के लिए संघर्ष करते रहे। आज उनकी दसवीं पुण्यतिथि है, परन्तु ऐसा लगता है जैस कल की ही बात हो। सुश्री भूरिया ने कहा पुण्यतिथि पर हर साल पानी गिरता हैं। इतने पानी में भी सभी लोग यहां आते हैं। यह मेरे पिता के प्रति लोगों के प्रेम को बताता है। आज मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि मैं अपने पिता के बताए रास्ते पर चलकर अपने क्षेत्र का विकास कर सकूं।
इन्होंने भी संबोधित किया-
भाजपा जिलाध्यक्ष भानू भूरिया ने कहा- स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया आदिवासियों की आवाज थे। आज निसंदेह इस क्षेत्र के लिए उन्होंने जो कार्य किए वो कल्पना से परे हैं। उनके द्वारा किए कार्य के लिए झाबुआ ही नहीं प्रदेश और देश में उन्हें याद किया जाता है। अन्य देशों में भी आदिवासी उनसे प्रेरणा ले रहे हैं। पेसा कानून बनाकर उन्होंने आदिवासियों के हित के लिए काम किया। वरिष्ठ आदिवासी नेता श्यामा ताहेड ने कहा स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया हम सभी के लिए श्रद्धेय हैं। उन्होंने ने अपने जीवन में कठिनाई और विरोधों का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी। सरकार का विरोध भी झेला लेकिन आदिवासियों के हित के लिए खड़े रहे। ऐसे नेता न पहले कभी हुए और न भविष्य में होंगे। पूर्व जिलाध्यक्ष प्रवीण सुराना ने कहा भूरिया जी का विजन विस्तृत था। उन्होंने जितनी चिंता आदिवासियों की की, उतनी ही फिक्र उन्होंने गैर आदिवासी समाज की भी की। आज मैं सभी से आह्वान करता हूं कि उनके पदचिन्हों पर चलकर आदिवासी समाज और जिले का विकास करें।पेटलावद क्षेत्र के भाजपा नेता अजमेर सिंह भूरिया ने कहा-स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया ने हमेशा इस बात का ध्यान रखा कि हमारा जनजाति समाज किस तरह से विकास करे। अजजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कलसिंह भाबर ने कहा माननीय दलीपसिंह भूरिया एक ऐसा नाम है जो पूरे देश में कही भी चले जाओ, हर कोई उन्हें जानता है। मैं जब जबलपुर, डिंडोरी, बालाघाट आदि जगह जाता हूं तो लोग स्वत: कहते हैं- दिलीपसिंह भूरिया के गांव से हैं। उन्होंने पूरे देश में जनजाति समाज के लिए घूम घूमकर काम किया है। आदिवासियों के हित के लिए पेसा कानून बनाया। भाजपा जिला महामंत्री कृष्णपाल सिंह गंगाखेड़ी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर पूर्व सांसद गुमान सिंह डामोर, वरिष्ठ नेता विजय नायर, पूर्व नपाध्यक्ष पर्वत मकवाना, विश्वास सोनी, अक्षय कटारिया सहित जिलेभर के नेता मौजूद थे। आभार नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि बिट्टू सिंगार ने माना।
जनपद पंचायत पेटलावद के अध्यक्ष रमेश सोलंकी जिला भाजपा उपाध्यक्ष हेमंत भट्ट पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मनोहर भटेवरा, विनोद पुरोहित एडवोकेट, जितेंद्र मेहता मंडल अध्यक्ष संजय कहार,जितेंद्र राठौर लक्ष्मण सिंह मालीवाड़, अंकुर पाठक जनपद सदस्य कालू सिंह चौहान, हरु भूरिया, ओंकार सिंह डामोर, छूती सिंह मेडा, योगेश गामड़, विजय नायर पर्वत मकवाना, महेंद्र भूरिया हेमराज भूरिया, मदन भूरा, बापूसिंह भूरिया,सहित बड़ी संख्या में उनके अनुयाई उपस्थित रहे।
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